yaad shayari in hindi / yaad shayari / miss u shayari / missing shayari / Read Shushant Singh Rajput’s life’s poetry.
एतराज तुझसे बाद-ए-खुशी कैसा है।
ये तेरा हिसाब अए जिन्दगी कैसा है। miss u shayari
खयालों में तो रोज़ ही मिलते हो आके,
हकीक़त में मिलना कभी-कभी कैसा है।
खुद से हो रू-बा-रु तू खुद को पहचान, yaad shayari
तेरा हुस्न-ओ-सबाब दिलनशी कैसा है। missing shayari
बर्बाद हो जाते हैं लोग जुदा होके फिर,
ये जुदाई का मंज़र हँसी-खुशी कैसा है। miss you shayari in hindi
मेरे महबूब दिल पे हाथ रख तो सही,
दिया निगाहों का मंज़र सबनमी कैसा है।
अभी आए और वो अभी चल दिए रेहान,
ठहरो तो ज़रा सा ये रफ्तगी कैसा है। yaad shayari

Khyalo mein to roz he milte ho aake tum-In Hinglish yaad shayari in hindi
Aitraaz tujhse baad-e-khushi kaisa hai
Ye tera hisaab aye zindagi kaisa hai miss u shayari
Khyalo mein to roz he milte ho aake tum miss you shayari in hindi
Haqiqat mein milna kabhi kabhi kaisa hai
Khud se ho ru-ba-ru tu khudko pahechan
Tera ye husn-o-sabaab dilnashi kaisa hai missing shayari
Barbaad ho jate hai log juda hoke phir ye
Judaai ka manzar hashi-khushi kaisa hai
Mere mehboob dil pe hath rakh to shi yaad shayari
Dekh nigaho ka manzar sabnami kaisa hai
Abhi he aye aur wo abhi chal diye Rehaan
Thahero to zara sa ye raftagii kaisa hai

yaad shayari in hindi
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किसी सूफ़ी कलाम सी तेरी परछाई
ढलती हुई सी रात ने बात ख़राब कर दी।
जब मेरा मुंसिफ ही मेरा क़ातिल हो।
हमने भी बेशुमार पी है ! नज़रों के प्यालों से।
तेरे हुस्न की तस्वीरों का आखिर …
इंतेजाम सब कर लिए सोने के अब नींद भी आ जाये तो करम होगा।
जिसे बनना ही ना हो आख़िर हमसफ़र किसी का।
क्या सितम है के उन्हें नजरें मिलाना भी नही आता।
खयालों में तो रोज़ ही मिलते हो आके।
For e-book click:- https://www.scribd.com/document/506523590/hindi-hinglish-gazal-shayari
[…] किसी सूफ़ी कलाम सी तेरी परछाईढलती हुई सी रात ने बात ख़राब कर दी।जब मेरा मुंसिफ ही मेरा क़ातिल हो।हमने भी बेशुमार पी है ! नज़रों के प्यालों से।तेरे हुस्न की तस्वीरों का आखिर …इंतेजाम सब कर लिए सोने के अब नींद भी आ जाये तो करम होगा।जिसे बनना ही ना हो आख़िर हमसफ़र किसी का।क्या सितम है के उन्हें नजरें मिलाना भी नही आता। खयालों में तो रोज़ ही मिलते हो आके। […]
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