
sher kaise likhen | शेर कैसे लिखें ? sher kaise likhen?
Hello dosto
मैं रेहान! शेर उर्दू का एक form है, जो कि 2 लाइन का होता है। जिस में ग़ज़ल और रूबाई की तरह ही,काफिया और रदीफ होता है।
एक अच्छा शेर क्या होता है,एक अच्छा शेर वो होता है जिसमें एक गहरी और दिल को छू जाने वाली बात कही गई हो।
जिसे पढ़ के लगे के पूरी ज़िन्दगी समा गई हो उसमें ऐसा लगे कि हमारे दिल की सारी कसमकश नज़र आने लगे और हम लिखने वालों को वो अदा आनी चाहिए।
तो चलिए शुरू करते हैं।
शेर 2 तरह के होते हैं, पहला जिसकी दोनों लाइन्स में काफिया और रदीफ होता है। अगर आपको नहीं मालूम काफिया और रदीफ क्या होता है तो बता दूं।
काफिया (kaafiya) Sher kaise likhen?
काफिये का मतलब होता है (rhyming) same sound वाले word’s वह लफ्ज़ जो एक है तरह की आवाज़ पे खत्म होते हैं उन्हें कहते हैं
काफिया जैसे:- नज़र,असर,अगर,मगर,खबर। और काफिया हर लाइन में एक जैसी जगह पे ही लिखा जाता है, अभी आप आगे पढ़ेंगे example के साथ।
ग़ज़ल के सिर्फ पहले शेर में दोनों लाइन में काफिया होते है बाकी सभी लाइन्स में पहली लाइन खाली और दूसरी लाइन में काफिया होता है,
रदीफ (radeef)
रदीफ, काफिया के बाद आने वाले लफ्ज़ को रदीफ कहते हैं। जो कि हर लाइन में एक जैसा रहता है।
जैसे मैंने ऊपर बताया था, अगर नज़र काफिया है तो नज़र में, खबर में, दोनो में (में) एक जैसा है जो कि रदीफ है और नज़र, खबर काफिया।
जैसे:-
उसूल नहीं समझते वो प्यार के।
नखरे बहुत हैं मेरे दिलदार के।
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अब देखिए इसकी दोनो लाइन्स में काफिया है प्यार और दिलदार, और रदीफ भी है (के)।
और मैंने दूसरे शेर में अपनी बात कह दी, जो मुझे कहनी थी।
अब हम बात करते हैं, दूसरे तरह के शेर की जिस में काफिया और रदीफ नहीं होता। जैसे:-
ख़ामोश हैं इन राहों के चिराग़ सभी,
लगता है वो नक़ाब जदा होके गुज़रे हैं।
इस शेर में काफिया और रदीफ नहीं है! मगर मैंने अपनी बात को शायराना अंदाज़ में दिलकश तरीक़े से बोला जिस से सुनने में और पढ़ने में ख़ूबसूरत लिखें।
मगर एक बात याद रखना मैं दोबारा बोल रहा हूं एक उमदा और बेहतरीन शेर वह है जिसमें बहुत बड़ी बात कही गई हो।
एक अच्छा शेर लिखने के लिए मैं, आपको एक तरीका भी बता देता हूं कि कैसे लाइन को छोटा बड़ा होने से रोक सकते हैं,
आप लिखते वक्त ध्यान रखे कि अगर अपने पहली लाइन में 9 से 11 लफ्ज़ लिखे हैं तो दूसरी लाइन में भी उतने है लिखे।
ab aap samjh gye honge ki शेर कैसे लिखें ? sher kaise likhen?
SHER (sher kaise likhen)
urdu mein sher ka matlab hota hai 2 line’s ki poetry. Jisme ghazal aur rubaai ki tarah he kaafiya aur radeef hota hai. 💫💫
Humen sher ki 2 line me puri baat khatm karni hoti hai apni.
Sher 2 tarah ke hote hain
1st jisme kaafiya aur radeef dono hote hain. Jaise
Mujhse halaton ka bhi koi sayad shayar raha hoga
*Jisne jamaane se dar dar kar kisi ko chaha hoga
maine 2 line’s me apni baat complete kr di. Jo mere dil ki thi.
Rhyming word/ kaafiya
Raha
*Chah
Radeef (sher kaise likhen)
Hoga
Raha hoga chah hoga…
Dusri tarah ka sher
Khamosh hain in raho.n ke chirag
lagta hai vo naqaab-zada hoke guzre hain.
Is mein kaafiya radeef nhin hai but maine apni baat shayerana andaaz me boli
Bina rhyming wala sher likhna difficult hota hai kyunki usmein hamen gaheri baat kehni hoti hai mahez 2 line mein.
but aap log dono tarah ke try karein
अगर कोई concept clear ना हो तो आप नीचे comment box में पूछ सकते हैं।
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