
रूबाई/शायरी
shayari kaise likhen? शायरी/रूबाई कैसे लिखें?
आज मैं आपको शायरी/रूबाई के बारे में बताने जा रहा हूं। इतना समझ लीजिए कि किसी एक ख्याल को कम लफ्जो में दिल को छुना हो तो रूबाई एक बहुत है उम्मदा चीज़ है। जैसे मैं अपनी एक रूबाई दिखता हूं फिर उसे हम समझेंगे कैसे लिखी गई, तो चलिए शुरू करते हैं।
मेरी रूह को सुकून में डुबोती है।
जब सीने से लगी तस्वीर तेरी होती है।
मुझे मेरे होने का एहसास होता है,
जब तेरी नज़र में मेरी नज़र रोती है।
ये मैंने एक रूबाई लिखी और आप इसे ध्यान से पढ़िए और समझिए।
रूबाई 4 लाइन की होती है, जैसी कि आपने ऊपर पढ़ी अभी।
जिसकी पहली और दूसरी लाइन में काफिया और रदीफ होता है।
मैं आपको बता दूं, काफिया और रदीफ क्या होता है।
काफिया (kaafiya)
काफिये का मतलब होता है (rhyming) same sound वाले word’s वह लफ्ज़ जो एक है तरह की आवाज़ पे खत्म होते हैं उन्हें कहते हैं काफिया जैसे:- नज़र,असर,अगर,मगर,खबर। और काफिया हर लाइन में एक जैसी जगह पे ही लिखा जाता है, अभी आप आगे पढ़ेंगे example के साथ।
रूबाई के सिर्फ पहले शेर में दोनों लाइन में काफिया होते है बाकी लाइन्स में पहली लाइन खाली और दूसरी लाइन में काफिया होता है,
रदीफ (radeef)
रदीफ, काफिया के बाद आने वाले लफ्ज़ को रदीफ कहते हैं। जो कि हर लाइन में एक जैसा रहता है। जैसे मैंने ऊपर बताया था।
जैसे ऊपर वाली रूबाई को हम देखते हैं।
डुबोती
होती
रोती
ये तीनों उस रूबाई के काफिया है और रदीफ (है)
डुबोती है
होती है
रोती है
मगर तीसरी लाइन जिसमें कोई भी काफिया और रदीफ नहीं है, क्यूंकि रूबाई की तीसरी लाइन सबसे जाएदा important होती है क्योंकि हम जिस किसी भी ख़्याल पे लिख रहे हैं उस तीसरी लाइन में हम हमारी बात कहनी होती है।
जैसे:- (Shayari Kaise Likhen?)
बरसात को चांदनी से मोहब्बत हो गई।
सितारों को रागिनी से मोहब्बत हो गई।
जिसने भी नहीं देखा मेरी मोहब्बत को,
उसको मेरी कहानी से मोहब्बत हो गई।
मेरा ख़याल था अपने प्यार कि तारीफ करना, ये बताना कि जिस किसी ने मेरे प्यार को नहीं देखा उसने जब कभी भी मेरी रूबाई,ग़ज़ल,नज़्म सुनो तो मेरी कहानी से उन्हें लगाव हो गया वो बेचैन हो गए उसे देखने के लिए जिसे याद कर कर के मैं लिखता हूं।
अब ऐसा भी नहीं है कि रूबाई में तीसरी लाइन बिना काफिया, रदीफ के ही हो! आप चाहो तो चारो लाइन में काफिया और रदीफ भी इस्तेमाल कर सकते हैं जैसे:-
उसको डर लगता है दोबारा किसी को चाहने में।
वो बहोत हिचकिचाती है किसी को अपना बनाने में।
मासूम सी आंखों हैं कयामत है उसके मुस्कुराने में,
उसके ख्याल से रौनक हो जाती है मेरे आशियाने में।
अब आप लोग देखिए इस रूबाई की चारो लाइनों में काफिया है (चाहने,बनाने,मुस्कुराने, आशियाने)
और रदीफ (में)।
वैसे जायदा बेहतर ऊपर वाली रूबाई लगती है जो AABA की form में लिखी जाती है, मगर आप लोग AAAA की form में भी लिख सकते हैं जैसा भी आपको पसंद हो।
दरअसल रूबाई बिल्कुल ग़ज़ल के पहले 4 मिश्रों की तरह होती है, ग़ज़ल क्या है उसके ऊपर एक पूरा ब्लॉग है वो भी आप चाहे पढ़ सकते हैं।
ummed hai ab aap padhna seekh gye honge ki shayari kaise likhen
Hum mohabaat ko naam e wafa bhala kyun dein
Kahaani ko apni aise he akhir bhula kyun dein
Tum nhi to koi shikwa karun ye zaruri to nahi
Laga kar tujhpe ilzaam Tujhe rula kyun dein
Rehaan
Rubaai/Shayari (Shayari Kaise Likhen?)
4 line ki hoti hai jaisa ki apne abhi padhi upar…
4 line ki hoti hai jaisa ki apne abhi padhi upar…
Jiske 1st 2 line’s me kaafiya/rhyming hoti hai
3rd line free isko niche samjhaya gaya hai
4th line mein again kaafiya/rhyming
Jaise 1st line me kaafiya bhala
2nd line me bhula
3rd free
4th line me rula
Shayari Kaise Likhen?
Aur sath sath he radeef bhi jo same rehta hai jaisa ki ghazal me hota hai…
3rd line free
{rubaai ki 3rd line sabse important hoti hai aap jis bhi thought/khyaal pe likh rahe ho wo mostly 3rd line me aata hai… Isliye rubaai ki 3rd line bhot important hoti hai…
Jaise
Barshaat ko chandani se mohabbat ho gyi
To kabhi sitaro ko Ragini se mohabbat ho gyi
Jisne nhi dekha mere mehboob ko
Usko meri kahaani se mohabbat ho gyi
Mera motive tha lover ko define karna… Ye batana ki jis kisi ne mere pyaar ko nhi dekha usne jab meri kahaani suni to meri kahaani se use pyaar ho gya aur us kahani ke jariye usne pyaar ka dedaar kar liya…
Starting ki 2 line’s and last ki 1 line sirf 3rd line ka sath dene Aur use special banane ke liye likhi jati hain.
Shayari Kaise Likhen?
शुक्रिया!
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इंतेजाम सब कर लिए सोने के अब नींद भी आ जाये तो करम होगा।
जिसे बनना ही ना हो आख़िर हमसफ़र किसी का।
क्या सितम है के उन्हें नजरें मिलाना भी नही आता।
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