ishq shayari in hindi / ishq shayari urdu
Tujhe pakar bhi lagta hai mujhe aisa
Jaise talash teri abhi bhi jaari Hai
Pahle Dil hosh gaya ab lagta hai jaise
jaan-o -imaan ke jaane ki baari hai
Luta rahe ho beshumar pyaar akhir kyu
kya chhod Ke Mujhe jaane ki taiyari hai
Kya Ishq karna gunaah hai duniya me
Humne to ishq se Jindagi bhi haari hai
Sawaal hue khatm ilzaam bhi laga liye
ab bhala khafa kyon nazar tumhari Hai
Mat jalao tasveer apni yunn humdam
hamen tu teri tasvir dono he pyaari Hai
Is kadar hai mohabbat me fanaa sabr ye
Unse he sukoon unse he be-karaari hai
Magar itna to jaan liya Rehaan ne sanam
Jhuta har shahara jhutii gam gusaari hai

ishq shayari / ishq shayari urdu
ishq shayari in hindi
तुझे पाकर भी मुझे लगता है ऐसा।
जैसे तलाश तेरी अभी भी ज़ारी है।
पहले दिल होश गया अब लगता है,
जैसे जान-ओ-ईमान जाने की बारी है।
लुटा रहे हो बेशुमार प्यार आखिर क्यों,
क्या छोड़ के मुझे जाने की तैयारी है।
क्या इश्क़ करना गुनाह है दुनिया में,
हमने तो इश्क़ से जिन्दगी भी हारी है।
सवाल हुए खत्म इल्जाम भी लगा लिए,
अब भला खफा क्यों नजर तुम्हारी है।
मत जलाओ तस्वीर अपनी यूं हमदम,
हमें तू तेरी तस्वीर दोनो ही प्यारी है।
इस कदर है मुहब्बत में फना ये सब्र,
उनसे ही सुकून उनसे ही वे-करारी है।
मगर इतना तो जान लिया रेहान ने,
झूठा हर सहारा झूठी गम-गुसारी है।
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किसी सूफ़ी कलाम सी तेरी परछाई
ढलती हुई सी रात ने बात ख़राब कर दी।
जब मेरा मुंसिफ ही मेरा क़ातिल हो।
हमने भी बेशुमार पी है ! नज़रों के प्यालों से।
तेरे हुस्न की तस्वीरों का आखिर …
इंतेजाम सब कर लिए सोने के अब नींद भी आ जाये तो करम होगा।
जिसे बनना ही ना हो आख़िर हमसफ़र किसी का।
क्या सितम है के उन्हें नजरें मिलाना भी नही आता।
खयालों में तो रोज़ ही मिलते हो आके।
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